कभी तोडा कभी जोड़ा कभी फिर तोड़कर जोड़ा,
नाकारा कर दिए दिल को तेरी पेवन्द कारी ने।
दिल परेशान रहता है, उनके लिए,
हम कुछ भी नहीं हैं, जिनके लिए।
नही कोई इस जहां में मुझे समझने वाला
एक आस थी तुझे वो भी टूट गई…
कभी दर्द है तो दवा नहीं,
जो दवा मिली तो शिफा नहीं।
वो ज़ुल्म करते हैं इस तरह,
जैसे मेरा कोई खुदा नहीं।
दिल ही तो था,
बस भर गया होगा हमसे।
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