वक्त नूर को बेनूर कर देता है, छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर होना, लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है।
जीते थे हम भी कभी शान से
महक उठी थी जिंदगी किसी के नाम से
मगर फिर गुज़रे उस मुकाम से
कि नफ़रत सी हो गई मोहब्बत के नाम से
अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते है दाम अक्सर
न बिकने का इरादा हो तो कीमत और बढ़ती है
हँसते-हँसते अचानक रो देते है हम,
दर्द ही ऐसा गहरा दिया जो उसने हमें।
तू मेरे बिना ही खुश है तो शिकायत कैसी,
अब मैं तुझे खुश भी ना देखूं तो मोहब्बत कैसी!
वो बेवफा यूँ ही बदनाम हो गया
हजारो चाहने वाले थे किस किस से प्यार करता
ऐ दर्द…कुछ तो Discount दे दे।
हम तेरे रोज के Customer है।
ज़िंदगी रही तो याद सिर्फ
तुम्हे ही करते रहेंगे
भूल गए तो समझ जाना
अब हम ज़िंदा नही रहे।।
साकी को गिला है के बिकती नहीं शराब
और एक नाम है के होश में आने नहीं देता
तरस आता है इन मासूम सी पलकों पर।
जब भीग कर कहती है ,
अब रोया नहीं जाता।
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