Dard Bhari Shayari in Hindi

रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है;
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है;
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू;
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है।
उन लोगों का क्या हुआ होगा
जिनको मेरी तरह गम ने मारा होगा
किनारे पर खड़े लोग क्या जाने
डूबने वाले ने किस किस को पुकारा होगा।।
बदले हुए लोगो के बारे मैं क्या कहू यारो
मैंने अपने ही प्यार को किसी और का होते देखा है
न जाने क्यों हमें आँसू बहाना नहीं आता, न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल बताना नहीं आता,
क्यों सब दोस्त बिछड़ गए हमसे, शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता।
वो नही आती पर अपनी निशानी भेज देती है,
ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है,
उसकी यादों के पल कितने भी मीठे हैं,
मगर कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है।
नज़र और नसीब में भी क्या इत्तफ़ाक़ है
नज़र उसे ही पसंद करती है जो नसीब में नही होता
आज तेरी याद हम सीने से लगा कर रोये, तन्हाई मैं तुझे हम पास बुला कर रोये,
कई बार पुकारा इस दिल ने तुम्हें, और हर बार तुम्हें ना पाकर हम रोये।
जाने लागे जब वो छोड़ के दामन मेरा,
टूटे हुए दिल ने एक हिमाक़त कर दी,
सोचा था कि छुपा लेंगे ग़म अपना,
मगर कमबख्त आँखों ने बगावत कर दी।
कल रात वो शख्स मेरे खवाबो का भी काटल कर गया
लोग कितना मुक़ाम रखते है छोड़ जाने के बाद

मेरा ख़याल ज़ेहन से मिटा भी न सकोगे,
एक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगे,
तो सारी उम्र मुस्करा न सकोगे।
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