Hariyali Teej Status And Pooja Vidhi in Hindi 2021 हरियाली तीज प्रत्येक वर्ष सावन मॉस के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है इसलिए इसे श्रावणी तीज भी कहते है यह मुख्यतः महिलाओ का त्यौहार है और उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में मनाया जाता है राजस्थान और मध्य प्रदेश में इसे सिंजारा तीज के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन नयी नवेली दुल्हनों को सिंजारा भेजा जाता है इस साल यह त्यौहार ११ अगस्त २०२१ का मनाया जायेगा किवदंतियों के अनुसार इस दिन भगवन शिव और माता पारवती का पुनर्मिलन हुआ था इस दिन महिला अपना श्रृंगार करती है और व्रत रखती है साथ ही साथ अपने दोस्तों के साथ झूला झूलती है ।
हरियाली तीज की पूजा की विधि
Table of Contents
इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठ क्र स्नान लेती है और साफ़ कपडे पहन कर भगवन शिव और माता पारवती की पूजा करती है महिला माता पार्वती को सुहाग की सारे सामग्री अर्पित करे भगवान् शिव को धतूरा बैल पत्र का भोग लगाए इस दिन महिलाये अपने सुहाग की लम्बी आयु के भगवान् शिव से प्राथना करती है।
झूला झूलना और मेहँदी का श्रृंगार
तीज के दिन मेहनती का खास महत्वा है पौराणिक कथाओ के अनुसार माता पार्वती ने भगवान् शिव को मानाने के लिए अपने हाथो में मेहँदी रचाई थी जिसे देख कर भगवान् शिव अत्यंत प्रसन्न हुए इसी लिए सुहागने आज के दिन व्रत रखकर अपने सुहाग की लम्बी आयु की कामना करते है इस दिन झूला झूलने की प्रथा भी लम्बे वक़्त से चली आ रही है कहते है की झूला झूलने से आपके सरे पाप ख़त्म हो जाती है।
पर्व की पौराणिक मान्यता
पौराणिक कथाओ के अनुसार हजारो वर्षो की तपस्या के बाद माता पारवती को भगवन शिव मिले थे और ये भी कहा जाता है भगवान् शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने १०७ बार जन्म लिया था । १०८ वी बार उन्होंने राजा हिमालय के यहाँ जन्म लिया और फिर भगवन को पाने ले लिए तपस्या आरम्भ की और कहा जाता है । श्रवण मॉस की शुक्ल पक्ष को उनको भगवन शिव की प्राप्ति हुई इसी लिए महिला इस दिन व्रत रखकर अपने सुहाग की लम्बी आयु की कामना करती है।
Recent Comments