Happy Dhanteras 2021

Happy Dhanteras 2021:-

Happy Dhanteras 2021

धनतेरस का महत्व

दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्यौहार आता है और बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदू धर्म में धनतेरस का खास महत्व है. तो चलिए जानते है क्या तिथि है? इसका क्या महत्व है? क्या समय है?

दिवाली इस बार 4 नवंबर वीरवार को है और धनतेरस दिवाली से ठीक दो दिन पहले आता है | धनतेरस इस साल 2 नवंबर, 2021 मंगलवार को मनाया जायेगा | धनतेरस का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है | ये त्योहार कार्तिक मास के 13वें दिन में आता है| इस दिन लोगो के अंदर एक अलग ही उत्साह होता है| वे अपने घरो की सफाई करते है और नए बर्तन भी लाते है | इस दिन नयी झाड़ू लेना बहुत ही शुभ मना गया है |

धनतेरस पर बहुत से लोग नयी गाड़िया, नया मकान, सोना, चांदी, आदि लेते है | जैसे की हम जानते है की दिवाली दीपो का त्यौहार है और दिवाली के दिन दीपक ना जले, ऐसा हो ही नहीं सकता | दिवाली की शुरुवात धनतेरस पर 13 दीपो को जलाने से होती है| धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान धनवंतरी की पूजा का महत्व है।

धनतेरस क्यों मनाया जाता है ?

भगवान धन्वंतरि के जन्म को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है उनका जन्म दिवाली से ठीक दो दिन पहले हुआ था जिसे हम धनतेरस कहते है | धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये बात बताई गई है | समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि जी जब प्रकट हुए तब उनके हाथो में एक कलश था जो की अमृत से भरा हुआ था | धनतेरस वाले दिन इनकी पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है | ये भी कहा गया है की भगवान धन्वंतरि जी विष्णु के अवतार है |

धनतेरस 2021: मुहूर्त और पूजा का समय

त्रयोदशी तिथि शुरू- 02 नवंबर, 2021 11:31
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 03 नवंबर, 2021 09:02
सूर्योदय- 02नवंबर, 2021 06:36
सूर्यास्त- 02 नवंबर, 2021 05:44

धनतेरस की पूजा विधि

धनतेरस वाले दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना करने के लिए पहले एक लकड़ी की चौकी जो की बिलकुल साफ़ होनी चाहिए फिर उस पर एक स्वच्छ लाल रंग का कपड़ा अच्छे से बिछाएं इस बात बात का ध्यान रहे आस पास कोई गंदगी न हो| इसके बाद लाल रंग के कपडे पर गंगाजल छिड़ककर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा लगाए. एक घी का दीपक जलाकर प्रतिमा के आगे रखे, आप धूप और अगरबत्ती भी लगा सकते. धन्वंतरि भगवान को लाल रंग के ताजे फूल चढ़ाये. अगर आपने कोई नयी धातु का सामान खरीदा है , सोना चांदी के आभूषण, या नए बर्तन उन्हें पास में रखे. पूजा के दौरान “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें. धनवंतरि स्तोत्र का पाठ करें. लक्ष्मी स्तोत्र और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें.

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